खोजें

गुरुवार, 13 जुलाई 2017

मौत आने से पहले देती है आपको संकेत, जानिए क्‍या हैं ये

मौत आने से पहले देती है आपको संकेत, जानिए क्‍या हैं ये

naidunia.jagran.com 13 July 2017, 21:29

उज्‍जैन। एक दिन सभी को मरना है और यह एक परमसत्‍य है, जिसे दुनिया का कोई भी मनुष्‍य बदल नहीं सकता है। लेकिन फिर भी मौत का नाम सुनते ही सभी के मन एक आशंका और डर जरूर रहता है। लेकिन हम आपको आज मौत से जुड़े कुछ संकेतों के बारे में जानकारी देने वाले है जिनका जिक्र शिवपुराण में किया गया है। इन संकेतों से यह मालूम किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु कितने समय बाद हो सकती है।

शिवपुराण में बताया गया है कि एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि मृत्यु का संकेत क्या है, क्या चिन्‍ह है, मृत्यु निकट आने से पहले कौन-कौन लक्षण प्राप्त होते हैं? माता की इतनी उत्‍सुक्‍ता को देखते हुए भगवान शिव ने उन्‍हें निम्‍न बातें बताईं-

- जब अचानक किसी व्यक्ति का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक अकारण ही फड़कता रहे तो समझना चाहिए कि उसकी मृत्यु एक माह बाद हो सकती है।

- जिस इंसान की जीभ अचानक से फूल जाए, दांतों से मवाद निकलने लगे और स्वास्थ्य बहुत ज्यादा खराब होने लगे तो उस इंसान का जीवन मात्र छह माह शेष रह जाता है।

- जब कोई व्यक्ति पानी में, तेल में, दर्पण में अपनी परछाई न देख पाए या परछाई विकृत दिखाई देने लगे तो ऐसा इंसान मात्र छह माह का जीवन और जीता है। ऐसी आशंका रहती हैं।

- जिन लोगों की मृत्यु एक माह शेष रहती है वे अपनी छाया को भी स्वयं से अलग देखने लगते हैं। कुछ लोगों को तो अपनी छाया का सिर भी दिखाई नहीं देता है।

- जब किसी व्यक्ति को ध्रुव तारा दिखाई देना बंद हो जाए तो वह इंसान ज्यादा से ज्यादा छह माह और जीवित रह पाता है।

- जब किसी व्यक्ति के सभी अंग अंगड़ाई लेने लगे और तालू पूरी तरह सूख जाए, तब व्यक्ति एक मास और जीवित रहता है।

- जब किसी व्यक्ति को नीले रंग की मक्खियां घेरने लगे और अधिकांश समय ये मक्खियां व्यक्ति के आसपास ही रहने लगे तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति की आयु मात्र एक माह शेष है।

- किसी इंसान को चंद्र और सूर्य के साथ आकाश भी लाल दिखाई देता है, जिसे कौएं और गिद्ध घेरे रहते हैं, वे भी अधिकतम छह मास जीवत जी पाते हैं।

शिवपुराण में मृत्यु से जुड़ी ये महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। वैदिक काल से ही मानव और दैत्यों द्वारा मृत्यु को जीतने के लिए घोर तपस्या कर भगवान से अमरता पाने की नाकाम कोशिशें की गई हैं। जिसने जन्म लिया है, उसे एक दिन मृत्यु को प्राप्त होना है। बस फर्क इतना है कोई लंबी आयु जीता है तो कोई अल्पायु होता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें