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सोमवार, 27 मार्च 2017

Tantric sadhna

            तांत्रिक साधना
जहां एक ओर महिलाएं श्मशान जाने से भी
कतराती हैं, वहीं महाकाल की नगरी
पहुंची शिवानी दुर्गा बचपन से ही श्मशान
आया-जाया करती थी। उन्हें उनकी
दादी श्मशान में लाकर चिताओं को प्रणाम करवाती
थीं। लगभग रोज ऐसा करने से शिवानी भी
निडर बन गई और उनके अंदर आध्यात्मिक प्रवृत्ति ने जन्म
लिया।
बड़ी हुईं तो माता-पिता ने पीएचडी के लिए
अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी भेज दिया। वापस
आते ही शिवानी ने परिजनों के विरोध के बावजूद
नागनाथ योगेश्वर गुरु से अघोर तंत्र की दीक्षा
ली और फिर उन्हीं के साथ श्मशान जाकर शव
साधना की।
इसके बाद उन्होंने अपना जीवन इसे ही समर्पित
कर दिया और सर्वेश्वरी शक्ति इंटरनेशनल अखाड़ा
की स्थापना की। आज उनके भक्त और
अनुयायी दुनिया के कई देशों में फैले हुए हैं।
शिवानी सिर्फ अघोर तंत्र ही नहीं बल्कि
पश्चिमी देशों के रहस्यमय तंत्र शास्त्र विक्का, वोडु,
सोर्करी की भी सिद्ध साधिका हैं। इन में
पारंगत होकर उन्होंने सभी विधाओं की समानताओं
को जोड़कर नई पद्धतियां भी विकसित की हैं।
अघोर तंत्र का नाम सुनते ही जहां लोग सहम से जाते
हैं, वहीं शिवानी का मानना है कि अघोरी तो
सभी होते हैं, क्योंकि अघोर शिव का रूप है और शिव का
वास तो हर जगह है।
हम सभी ने अघोर तांत्रिकों के बारे में जरुर सुना होगा।
अघोरी सांसारिक बंधनों को नहीं मानते और अधिकांश
समय श्मशान में बिताते हैं।
अघोर का अर्थ है जो घोर या वीभत्स नहीं है।
अघोरी वो लोग होते हैं जो संसार की किसी
भी वस्तु को घोर अर्थात वीभत्स नहीं
मानते। इसलिए न तो वे किसी वस्तु से घृणा करते हैं
और न ही प्रेम। उनके मन के भाव हर समय एक
जैसे ही होते हैं।
अघोर तांत्रिक श्मशान में ही तंत्र क्रियांए करते हैं ,
इनके मतानुसार श्मशान में ही शिव का वास होता है।
अघोरी श्मशान घाट में तीन तरह से साधना करते
हैं- श्मशान साधना,
शिव साधना
और शव साधना।
ऐसा माना जाता है कि शव साधना के चरम पर मुर्दा बोल उठता
है और इच्छाएं पूरी करता है। शव साधना के लिए एक
खास काल में जलती चिता में शव के ऊपर बैठकर साधना
की जाती है। यदि पुरूष साधक हो तो उसे
स्त्री का शव और स्त्री साधक के लिए पुरूष का
शव चाहिए होता है।शिव साधना में शव के ऊपर पैर रखकर
खड़े रहकर साधना की जाती है।
बाकी तरीके शव साधना की ही तरह
होते हैं।
शव और शिव साधना के अतिरिक्त तीसरी साधना
होती है श्मशान साधना, जिसमें आम परिवारजनों को
भी शामिल किया जा सकता है।
इस साधना में मुर्दे की जगह शवपीठ की
पूजा की जाती है। उस पर गंगा जल चढ़ाया जाता
है। यहां प्रसाद के रूप में भी मांस मंदिरा की
जगह मावा चढाया जाता हैं। अघोरी लोगो का मानना होता
है कि वे लोग जो दुनियादारी और गलत कार्यों के लिए
तंत्र साधना करते है अतं में उनका अहित होता है।
अघोरी की आत्मा को प्रसन्न करने एवं उससे
सहायता प्राप्त करने हेतु साधना बता रहा हूँ , इस साधना को
आप घर पर भी कर सकते है -
साबर मंत्र -
" आडू देश से चला अघोरी , हाथ लिये मुर्दे की
झोली , खड़ा होए बुलाय लाव , सोता हो जागे लाव ,
तुझे अपने गुरु अपनों की दुहाई , बाबा मनसा राम
की दुहाई ! "
विधान -
मंगलवार या शनिवार के दिन , कृष्णपक्ष से रात्रि के समय ,
लाल या काले आसन पर बैठ कर नित्य ही ११ माला का
जप करे ।
अपने सम्मुख अघोरी आत्मा हेतु एक मिट्टी के
कुलहड़ में देसी शराब , श्वेत फूलो की माला ,
मिठाई -नमकीन आदि रखे ।
गूगल की धुप और कडुवे तेल का गिरी हुए
बत्ती का दीपक अवश्य प्रज्ज्वलित रखे ।
जब जप पूर्ण हो जाये तो ये सभी सामग्री
किसी चौराहे पर या किसी पीपल के पेड के
नीचे चुपचाप से रख आये और हाथ-पैर धोकर सो जाये

7वें दिन नहीं जाना है ।
तब किसी अघोरी की आत्मा आएगी
और सामग्री न देने का कारण अत्यंत उग्र स्वर में
पूछेगी ...घबराए नहीं और उत्तर भी
नहीं देना और जो पूर्व दिन की बची
सामग्री है उसे रख दें ।
न ही किसी भी प्रकार का प्रश्न करें न
ही किसी प्रश्न का उत्तर दें ।
अब जप के पश्चात् जो सामग्री वर्तमान दिन ...यानि
8वें दिन की है ...फिर से चौराहे पर या पीपल के
पेड के नीचे रख आये ।
यह साधना 11 दिन की है एवं 11वें दिन अघोरी
की आत्मा आएगी और सौम्य भाषा -शब्दों में वार्ता
करगी ।
उससे अपनी बुद्धि के अनुसार वचन ले लीजिये ,ये
आत्मा साधक के अभिष्टों को पूर्ण करेगी ।
जब भी किसी कुल्हड़ में देसी शराब और
नमकीन -मिठाई अघोरी के नाम से अर्पित करोगे तो
वो सम्मुख आकर साधक की समस्या का निवारण
भी करेगी ।
इस साधना के प्रभाव से अघोरी की आत्मा साधक
के आस-पास ही रहेगी तथा उसे सुरक्षा
भी प्रदान करेगी ।
जिन लोगो ने दीक्षा नहीं ली है उनमे
ऊर्जा कम होती है, इसी कारण मंत्र के
सिद्ध होने के लिए कठिन प्रयास करने पड़ेंगे , हिन्दू मंत्रो
को नवरात्रों और ग्रहण में अधिक से अधिक जाप करे !
मुस्लिम मंत्रो के लिए दरगाह जाकर अनुमति ले और
नियमित समय पर जाप करे ! बिना मांत्रिक कवच की
सिद्धि किये बिना यहाँ दिया कोई भी मंत्र प्रयोग में न
लए ! पांडुलिपियों से प्राप्त ये सारे मन्त्र आपके
जानकारी के लिए प्रकाशित किये गए है ! अगर आपके
पास कोई प्राचीन मन्त्र हो तो आप मुझे भेज सकते
है
भूत प्रेत ढीठ मूठ निवारण हनुमान शबर मंत्र
मंत्र :
महावीर का भूते ओढ़ना , भूते दसने , भूते करे
आहार , महादेव कि चौकी महावीर रखवार !
विधि : नित्य १ माला ३ मॉस तक जाप करे , हर मंगलवार
चोला चढ़ाये , तुलसी के पत्तो कि माला बजरंग
बाली को चढ़ाये ! मंत्र पूर्ण शक्ति प्राप्त कर ले तब
प्रयोग करे
आसान: लाल
वस्त्र : लाल
माला : चन्दन या रुद्राक्ष
दिशा पूर्व
समय प्रातः काल
अभिचार कर्म निवारण के लिए पहले बजरंग बाली के
मंदिर जाकर उन्हें नारियल का पानी पिलाये बचे हुए
पानी पर दम करके मंत्र पढ़के रोगी को पिलाये
लाभ होगा !
अभिचार नाशक अघोर मंत्र
उगत तारे भय भुन्सारे ! जहा अघोरी आन विराजे !
लकड़ी जले मुर्दा चिल्लाय ! तह अघोरी
वीर किरकिराय मेरी भक्ति गुरु कि शक्ति देख
देख रे अघोरी तेरे मंत्र कि दुहाई !
विधि : शमशान में जलते मुर्दे के पास बैठकर नित्य १ माला
२१ दिनों तक जाप करे , मध् मॉस मदिरा भोग में साथ में रखे
जाप के बाद जलते मुर्दे को अर्पण करे ! मंत्र पूर्ण शक्ति
प्राप्त कर ले तब प्रयोग करे ! अभिचार भूत प्रेत रोग
डाकिनी शाकिनी का नाश होता है ! भैरव कवच
से सुरक्षा कीच कर जाप करे ! भैरव कवच के मंत्र
के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है !
आसान: लाल
वस्त्र : लाल
माला : चन्दन या रुद्राक्ष
दिशा : मुर्दे के पाँव कि तरफ बैठे
समय प्रातः रात्रि
शाबर हनुमान साधना :-
ये साधना आप किसी भी मंगलवार से आरंभ कर
सकते हे । साधना सुरू करने से पहले साधना शुद्ध जल से
स्नान कर के साधना के लिए लाल वस्त्र एवं लाल आसान ओर
लाल रंग का ही पोशाक पहने । इस साधना मे साधक को
11 दिन मंत्र का जाप करना हे । ओर इस तरह साधक को
रोज 108 मंत्र यानि रोज 1 माला मंत्र का जाप करना हे । साधना
के दौरान धूप, दीप, ओर खुशबूदार अगरबत्ती
जलाए ओर ये साधना रात के समय ने ही करे ।
मंत्र :-
ओम गुरूजी हनुमानजी कावल कुंडा हाथी
खप्पर छडी मसान गुग्गल धुप जाप तेरा,
तेरा रूप शाकिनी बांधू डाकिनी बांधू भूत को
बांधू अटल को बांधू पाताल टेकरी को बांधू
हनुमानजी के रोचना को बांधू, घर घर जाओ,
ना माने चार गदा लगाओ, जेसे सीता माँ के
सतको राखे वैसे मेरे सतको रखो, आवो आवो
हनुमान घट्ट पिंड में समाओ हनुमान, हनुमान
बेठे रानी आई, गदा बेठी, राजा
ये मंत्र बहुत ही शक्तिशाली हे ओर इस साधना
करने से साधना को हर पल आपने पास भगवान हनुमान को
अपने पास महसूस पाओगे । और साधक हनुमान जी
की कृपा से सब खतरों से बच जाएगीजय

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