•.¸♡ राधा रानी के धाम बरसाना की सच्ची घटना ♡¸.•*
🍂जो राधा नाम लेता है उसके आगे भगवान विष्णु चलते है। पीछे भगवान शिव चलते है। दाहिने इंद्र वज्र लेके चलता है और बांये वरुण उसके ऊपर छात्र लेके चलता है।🍂
🍂जो राधा नाम लेता है उसके आगे भगवान विष्णु चलते है। पीछे भगवान शिव चलते है। दाहिने इंद्र वज्र लेके चलता है और बांये वरुण उसके ऊपर छात्र लेके चलता है।🍂
🍂श्री बरसाने में प्रेम सरोवर के मार्ग पर एक समाधी बनी हुई है। जिसे हर कोई गुलाब सखी(Gulab Sakhi) के चबूतरे(chabutra ) के नाम से जानते है। एक भक्त का नाम गुलाब(Gulab)था। गुलाब एक गरीब मुस्लमान था। श्री राधा रानी सब पर कृपा करती है। ये बात सभी भक्त जानते है। गुलाब बरसाने में श्री जी के मंदिर में सारंगी बजाता था। और जो पैसा मिल जाता था उससे अपना पेट पालते थे। इसकी एक बेटी थी जिसका नाम था राधा(Radha)।🍂
🍂 भजन कीर्तन गायन होता था तो वो लड़की बड़ा भाव विभोर होकर राधा रानी के सामने नृत्य करती थी। जब कन्या बड़ी हुई तो लोगो ने कहना शुरू कर दिया गुलाब अब तो तेरी बेटी जवान हो गई है। अब इसके लिए कोई लड़का देख ना। तो उस भक्त ने कहा की राधा रानी की बेटी है जब वो कृपा करेगी तो शादी हो जाएगी। मेरे पास इतना पैसा नही है की मैं व्यवस्था कर सकू। लोगो ने कहा की तुम लड़का तो देखो व्यवस्था हम कर देंगे। तो उस भक्त गुलाब ने एक लड़का देखा और बेटी का विवाह कर दिया।🍂
🍂 चली गई अपनी ससुराल। 3 दिन हो गए पर बेटी को भुला नही पा रहा है। खाना-पीना सब छूट गया। ना सारंगी बजाई, ना समाज गायन में गया लेकिन एक दिन रात्रि को श्री जी के मंदिर के द्वार पर बैठ गया।🍂
🍂 राधा जी गुलाब सखी से बोली :-
ठीक रात्रि के 12 बजे उसे एक आवाज सुनाई दी। तभी एक छोटी सी बालिका उसे दौड़ती हुई दिखाई दी और गुलाब सखी(gulab sakhi) के पास आई और बोली की बाबा, बाबा। आज सारंगी नाय बजायेगो? मैं नाचूंगी।🍂
ठीक रात्रि के 12 बजे उसे एक आवाज सुनाई दी। तभी एक छोटी सी बालिका उसे दौड़ती हुई दिखाई दी और गुलाब सखी(gulab sakhi) के पास आई और बोली की बाबा, बाबा। आज सारंगी नाय बजायेगो? मैं नाचूंगी।🍂
🍂 उसने आँख खोल के देखा तो एक सुंदर बालिका खड़ी है। उसने पास रखी सारंगी उठाई और बजाना शुरू कर दिया। वो लड़की नृत्य करते हुए सीढ़ियों की और भागी। गुलाब ने अपनी सारंगी(sarangi) रख दी और राधा राधा(radha radha) कहते हुए उस लड़की की और दौड़ा। लेकिन उसके बाद वो वहां किसी को नही दिखा। श्री जी(shri ji) में समां गया। लोगो ने सोचा की इसका खाना पीना छूट गया था कहीं ऐसा तो नही की पागल होकर मर गया हो।🍂
🍂(Goswami) जी के सामने अचानक गुलाब सखी आ गए :-
लोग भूल गए महीनो निकल गए। लेकिन एक दिन रात्रि में गोस्वामी जी राधा रानी को शयन करवा कर मंदिर की परिक्रमा में आ रहे थे। तो झाड़ी के पीछे से निकला।
लोग भूल गए महीनो निकल गए। लेकिन एक दिन रात्रि में गोस्वामी जी राधा रानी को शयन करवा कर मंदिर की परिक्रमा में आ रहे थे। तो झाड़ी के पीछे से निकला।
पुजारी ने पूछा की कौन है?
वो बोला-तिहारो गुलाब।
वो बोला-तिहारो गुलाब।
पुजारी ने कहा की-गुलाब तो मर गया है।:- उसने कहा की मैं मरा नही हूँ श्री जी(shri ji) के परिकर(parikar) में सम्मिलित हो गया हूँ।
🍂(Goswami) जी ने पूछा की कैसे?:-
तो🍂उसी समय गुलाब ने गोस्वामी जी के हाथ में पान की बिरि रखी जो अभी अभी राधा रानी को शयन के समय भोग लगा के आये थे। इतना कह कर वो झाड़ियों के अंदर चला गया और फिर कभी नही दिखा।
आज भी बरसाने में गुलाब सखी(Gulab Sakhi) जी की समाधि(samadhi) है। जिसे गुलाब सखी का चबूतरा कहते है।🍂
आज भी बरसाने में गुलाब सखी(Gulab Sakhi) जी की समाधि(samadhi) है। जिसे गुलाब सखी का चबूतरा कहते है।🍂
🍂 मन में ये प्रश्न हो सकता है की उसने अपनी बेटी को याद किया था तो उसकी मुक्ति कैसे?
राधा(radha) कोई साधारण नाम नही है। ये महाशक्ति(mahash akti) का नाम है। इस नाम की महिमा वही जान सकते है जिसने इस नाम को लिया होगा इस नाम के संग जिया होगा।🍂
राधा(radha) कोई साधारण नाम नही है। ये महाशक्ति(mahash
जोराधा नाम लेता है उसके आगे भगवान विष्णु चलते है। पीछे भगवान शिव चलते है। दाहिने इंद्र वज्र लेके चलता है और बांये वरुण उसके ऊपर छात्र लेके चलता है।
यदि राधा नाम भूल से भी निकल जाये तो भी राधा रानी उसे अपना लेती है।
कमेंट में आप लिखे दो शब्द राधा रानी के बारे में या जो आपके ऊपर कृपा हुए हो उसके बारे में।
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