ये बिल्कुल वैसा नही है जैसा हम देख रहे हैं, यह विभिन्न प्रकार का दृष्टि भ्रम है जो हमारी आंखों को भ्रमित कर रहा है। दृष्टि भ्रम मस्तिष्कन को हल्के तरीके से भ्रमित करता है। लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है, क्योंकि यहां जितने भी तस्वीरें हैं सभी स्थिर है फिर भी यह हमें इधर - उधर घूमता हुआ प्रतीत होता है। जो वास्तविक रूप में हम अनुभव कर रहे हैं वह वास्तव में वास्तविक नही है, और हम वास्तव में वह नही देखते हैं जो हमे दिखता है। चलिये थोड़ा इसके बारे में संक्षेप में कारण भी जान लेते हैं। इसका कारण यह है कि हमारी आंखों की नसें प्रकाश तरंगों को संसाधित कर रही है जो ऊपरी हिस्से में उल्टा रूप से चमकती है और ऊर्ध्वाधर पहुच के पीछे उलट जाती है फिर विसुअल कॉन्ट्रक्स द्वारा दोहराए जाने वाला विधुत आवेगों में परिवर्तित हो जाता है, जिससे यह दृष्टि भ्रम होता है। हमारी आंखें मूल रूप से मस्तिष्क से जुड़ा होने के कारण यह मस्तिष्क को भ्रम होने लगता है, जब आंखें बार - बार दृष्टि भ्रम का संदेश देता है।
अब आप कुच्छ - कुच्छ तो समझ ही गए होंगे, चलिये अब वों तस्वीरें भी देख लेते है जो हमारी दृष्टि भ्रम कर देता है।