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सोमवार, 1 मई 2017

सांई बाबा के वचन



साईं बाबा के इन 11 वचनों में छिपा है हर समस्या का समाधान

साईं बाबा ने की पूजा का कोई नियम नहीं है लेकिन उनके ये 11 वचन उनके भक्तों के लिए अनमोल हैं। कहते हैं कि इन 11 वचनों में जीवन की हर समस्या का समाधान छुपा है। तो आइए जानें कौन से हैं साईंबाबा के ये 11 वचन

'जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा.'
- साईं बाबा की नगरी है शिरडी। ऐसी मान्यता है कि शिरडी में जाकर हर परेशानी से छुटकारा मिलता है।

'चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर.'
- साईं बाबा की समाधि की सीढ़ी यानी साईं मंदिर में बाबा के दर्शन कर सभी मुरादें पूरी होती हैं।

'त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा'
साईं बाबा भक्तों के लिए हमेशा समर्पित रहते हैं। इस वचन में वो कहते हैं कि अगर मेरा भक्त मुसीबत में होगा तो मैं भले ही शरीर में न रहूं, लेकिन भक्त की मदद के लिए दौड़ा-दौड़ा चला जाउंगा।

'मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस'
साईं बाबा ने जीवन में श्रद्धा का बड़ा महत्व बताया है। साईं बाबा कहते हैं कि भक्तों को मन में पूरा विश्वास रखना चाहिए समाधि पर आने पर उनकी हर मुराद पूरी होगी।

'मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो'
इस वचन में साईं बाबा कहते हैं कि मुझे हमेशा जीवित ही समझना।

'मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए'
साईं बाबा कहते हैं जो भी मेरी शरण में आया है उसकी मैं हर मनोकामना पूरी करता हूं।

'जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का'
साईं बाबा कहते हैं कि जिस इंसान का जैसा भाव होता है उसे मैं वैसा ही दिखता हूं।

'भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा'
इस वचन में साईं बाबा कहते हैं कि अगर भक्त श्रद्धा भक्ति से मेरे पास आएंगे तो उनकी मदद मैं जरूर करूंगा।

'आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वो नहीं है दूर'
जो भक्त श्रद्धा भाव से मुझसे मदद की उम्मीद करेगा मैं उसकी मनचाही मुराद जरूर पूरी करूंगा।

'मुझमें लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया'
जो भक्त तन, मन, वचन से मुझ में लीन रहता है, उस भक्त के लिए मैं हमेशा ऋणी रहता हूं।

'धन्य धन्य व भक्त अनन्य , मेरी शरण तज जिसे न अन्य'
साईं बाबा कहते हैं कि मेरे वो भक्त धन्य हैं जो अनन्य भाव से भक्ति में लीन हैं।

संदर्भ पढ़ेंरिपोर्ट
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डिसलाइक
 

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