हम सब यह जानते है कि सीता राजा जनक की बेटी नही थी | पर कोई ये नही जानता कि सीता किसकी बेटी थी आज हम आपको बताते है |

रावण भगवान शिव का भक्त था एक बार भगवान शिव रावण से प्रश्न होकर के उसे जल का प्याला दिया | जिसका जल पीने से हर इच्छा पूरी होगी ये वरदान दिया | एक बार रावण कुछ दिनों के लिए शिकार पर गया और वो जल का प्याला रावण ने अपनी पत्नी मन्दोधरी के पलंग के निचे रख दिया एक रात मन्दोधरी को प्यास लगी और उसने उस प्याले से वो जल पी लिया और उस समय मंदोंधरी की सन्तान(पुत्री) प्राप्ति की इच्छा थीऔर मन्दोधरी को पुत्री हुई और वो पुत्री सीता थी और हाँ आपने सही पढ़ा सीता मन्दोधरी के ही पैदा हुई | परन्तु मन्दोधरी ने सोचा हमारा पति यहाँ नही है हमारे सन्तान केसे हुई कोई पूछेगा तो ! इसलिए अपमान के डर से उसने सीता को जमीन में गडवा दिया | और जमीन से हल चलाते वक्त राजा जनक को सीता मिली उस समय राजा जनक के कोई और सन्तान नही थी |तो राजा जनक ने सीता को रख लिया |

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भगवान शिव ने रावण को उसकी मृत्यु का कारण पहले ही बता दिया था रावण को सब पता था और रावण एक बहुत बड़ा विद्वान था |उसने अपनी मृत्यु के लिये ही सीता का हरण किया क्योकि उसे पता था उसकी मृत्यु कैसे होगी आपको शायद हेरानी हो रही होगी पर यही सच है सीता रावण की ही पुत्री थी | क्या आपको अब भी ये सच नही लगता | अगर नही तो आप ही बता दे किसकी पुत्री थी सीता |