बड़ी सोच में छिपा है बड़ा जादू - संत चन्द्रप्रभ
भीलवाड़ा । दार्शनिक संत चन्द्रप्रभ महाराज ने कहा कि सोच इंसान
की सबसे बड़ी ताकत है। अगर सोच जीवन से माइनस हो जाए तो इंसान चलता-फिरता
जानवर भर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अच्छी सोच देवदूत की तरह है जो हमें
स्वर्ग की सैर करवाती है और गंदी सोच यमदूत बनकर जीवन को नरक बना डालती
है। जहाँ अच्छी सोच हर सफलता की नींव है वहीं गंदी सोच पतन का आधार है।
अगर व्यक्ति सकारात्मक सोच के केवल एक मंत्र को अपना ले तो वह जीवन की
नब्बे प्रतिशत समस्याओं का हल स्वयमेव कर सकता है। इसलिए व्यक्ति को
चेहरे की सुंदरता से दस गुना ज्यादा सोच की सुंदरता पर ध्यान देना चाहिए।
संत चन्द्रप्रभ झंवर परिवार द्वारा एस के वाटिका पुर रोड़ पर आयोजित
सत्संग समारोह में जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरी
शांति, संतुष्टि एवं प्रगति का एकमात्र राज सकारात्मक सोच है। मैंने अब
तक हजारों लोगों को सकारात्मक सोच का मंत्र दिया है जो कि आज तक कभी
निष्फल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच से बढ़कर कोई धर्म नहीं
होता और नकारात्मक सोच से बढ़कर कोई अधर्म नहीं होता। सकारात्मक सोच जीवन
का पुण्य है और नकारात्मक सोच जीवन का पाप। व्यक्ति बाहर से धर्म करे और
भीतर में नकारात्मकता पलती रहे तो ऐसा सारा धर्म-कर्म राख की लीपापोती के
अलावा कुछ नहीं है। सकारात्मक सोच का अर्थ बताते हुए संतश्री ने कहा कि
किसी के द्वारा विपरीत व्यवहार किये जाने के बावजूद अपनी ओर से अच्छा
व्यवहार करने का नाम है सकारात्मक सोच। जहर के बदले अमृत लौटाना और औछे
व्यवहार के बदले ऊँचा व्यवहार करना ही सकारात्मक सोच है।
संतप्रवर ने कहा कि औरों की कमियों पर नहीं खासियतों पर गौर करना शुरू
करें। जो औरों की कमियाँ देखता है वह कमीना होता है, पर जो औरों की
खासियतें देखता है वह खूबसूरत बन जाता है। जो औरों की कमियाँ नहीं देखता
और किसी की निंदा नहीं करता उसका बिना कुछ धर्म-कर्म किये देवलोक का
इन्द्र बनाना तय है। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने से आगे बढ़े लोगों को
बार-बार देखेंगे तो दिल जलेगा और पीछे रहे लोगों को देखेंगे तो भगवान को
धन्यवाद देने की भावना जगेगी।
मिजाज को ठण्डा रखें-मिजाज को ठण्डा बनाने की प्रेरणा देते हुए संतप्रवर
ने कहा कि जिसका पैर गरम, पेट नरम और माथा ठण्डा होता है वह सदा स्वस्थ
और प्रसन्न रहता है। लोग घर में तो एसी लगाते है, पर दिमाग को हीटर बना
देते हैं। उन्होंने कहा कि अगर घर में किसी का माथा जल्दी गर्म हो जाता
है तो घर में ठण्डा-ठण्डा कूल-कूल का पोस्टर लगाए और जैसे ही वह गुस्सा
करे तो उसे उस और इशारा करे। उसका दिमाग अपने आप ठण्डा हो जाएगा।
सत्संग से पूर्व मुनि शांतिप्रियसागर ने मंत्र संगान एवं प्रभु प्रार्थना
करवाई तो श्रद्धालु अभिभूत हो गए।
सभी श्रद्धालुओं को दी प्रभावना-इस अवसर पर नवनरेष झंवर परिवार द्वारा
सत्संग में आए सभी श्रद्धालुओं को साहित्य की प्रभावना दी गई।
इस अवसर पर प्रवचन समारोह के आयोजक नवनीत झंवर, नरेष झंवर, अर्चना एवं
संगीता झंवर का चातुर्मास समिति के ओम अजमेरा, सुनील अग्रवाल, अमरचंद
नाहर कलकता ने सम्मान किया।
गुरुवार को राजेन्द्र मार्ग स्कूल में आरएसएस के सदस्यों को संतगण देंगे
संबोधन-समिति के किषन मारू ने बताया कि गुरुवार को विजयदषमी के पर्व पर
सुबह 7.30 बजे राजेन्द्र मार्ग स्कूल में आरएसएस के सदस्यों को संतगण
संबोधन देंगे।
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